हिमाचल का सबसे लोकप्रिय और ऐतिहासिक जिला चम्बा का भूगोल, और कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी राज्य है। जो अपने लोकप्रिय पर्टयक स्थान ऐतिहासिक स्थान तथा अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए देश भर में जाना जाता है। यहां बहुत से रोमांचित पर्टयक स्थान है, जिन की यात्रा करने के लिए देश विदेश से पर्टयक हर साल हिमाचल की सैर करने के लिए आते है।

आज में आप को हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहा हूँ। जो आप की हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा यात्रा के दौरान बेहद काम आ सकती है। चम्बा हिमाचल प्रदेश में स्तिथ एक जिला है। जो 6,528 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है।

चम्बा ख़ास कर अपने इतिहास की बजह से चर्चा में रहता है। फिर चाहे वो पहला बिजली घर हो या फिर हिमाचल का पहला डाक घर चम्बा का नाम सबसे पहले आता है। भटियात चम्बा जिला की सबसे उपजाऊ घाटी है।

हिमाचल प्रदेश के इस चम्बा जिले का गठन 15 अप्रैल 1948 को हुआ, यह जिला हिमाचल प्रदेश के उत्तर पश्चिम में स्तिथ है। चम्बा के साथ काँगड़ा, लाहौल स्पीति, तथा काँगड़ा जिले की सीमाएं लगती है।


चम्बा की प्रमुख पर्वत श्रृंख्ला


हाथीधार तथा दागनी धार चम्बा की प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएं है। चम्बा में स्तिथ पीरपंजाल पर्वत श्रृंख्ला को पांगी पर्वत श्रृंख्ला भी कहा जाता है। भदरवाह तथा दागनी धार जम्मू कश्मीर के साथ सीमाएं बनाती है।

चम्बा जिला की प्रमुख भाषाएँ


चम्ब्याली, भटियाती, चुराही, तथा भरमौरी यहां की मुख्य भाषाएँ है


चम्बा के लोकप्रिय और प्रसिद्ध दर्रे



01- साच पास दर्रा- इस दर्रे की ऊंचाई 4,395 मीटर है, तथा यह दर्रा चम्बा-पांगी में स्तिथ है।  

02 भीम गसूतड़ी दर्रा  -इस दर्रे की ऊंचाई समुन्द्तल से लगभग 5,440 मीटर की है, जो काँगड़ा चम्बा में स्तिथ है।

03 बदोसन दर्रा- इस दर्रे की ऊंचाई 2,400 मीटर की है। जो चम्बा और भटियात के बिच में स्तिथ है।

04 जालसू पास दर्रा- इस की ऊंचाई समुन्द्तल से लगभग 3,450 मीटर की है। यह दर्रा भी काँगड़ा चम्बा के बिच में स्तिथ है।

05 कुगति पास दर्रा- इस की ऊंचाई समुन्द्तल से लगभग 4,961 मीटर की है। यह दर्रा लाहौर भरमौर के बिच में स्तिथ है।

06 दराति पास दर्रा-इस की ऊंचाई समुन्द्तल से लगभग 4,720 मीटर की है। यह दर्रा चम्बा पांगी में स्तिथ है।

07 डुग्गी जोत दर्रा-इस की ऊंचाई समुन्द्तल से लगभग 5,060 मीटर की है। यह दर्रा भरमौर लाहौर के बिच स्तिथ है।

चम्बा की प्रसिद्ध नदिया


चम्बा में बहुत से छोटे बड़े नाले मिल कर एक बड़ी नदी का निर्माण करते है। जो बेहद खूबूसरत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर दृश्य यहां घूमने आये पर्टयकों को प्रदान करती है। रावी नदी और चिनाव नदी चम्बा की प्रसिद्ध नदिया है।

रावी नदी


रावी नदी की कुल लम्बाई 720 किलोमीटर की है, मगर हिमाचल प्रदेश में इस का प्रवाह केवल 158 किलोमीटर का है। रावी नदी बड़ा बंगाल काँगड़ा से निकलती है तथा खैरी नामक स्थान में हिमाचल प्रदेश को छोड़ कर जम्मू कश्मीर में प्रवेश करती है। पुरुष्णी रावी नदी का वैदिक नाम है तथा इरावती संस्कृत नाम है। चम्बा और भरमौर इस नदी के किनारे बसे हुए प्रसिद्ध पर्टयक स्थान है। भाड़ल नदी, तंतगिरि नदी, स्यूल नदी, बैरा नदी यह सभी रावी की सहायक नदिया है।

चिनाव नदी


चिनाव नदी की कुल लम्बाई 1200 किलोमीटर की है, मगर हिमाचल में इस का प्रवाह तंत्र 122 किलोमीटर का है। चिनाव नदी चम्बा के भुजिंद में में प्रवेश करती है तथा संसारी नाले के करीब जम्मू कश्मीर में प्रवेश करती है। चिनाव नदी का वैदिक नाम आस्किनी है। ताण्डी इस नदी के किनारे बसा हुआ प्रसिद्ध पर्टयक स्थान है। 

भागा नदी चिनाव नदी की सहायक नदी है, जो बारालाचा से निकल कर ताण्डी नामक स्थान में चंद्रा नदी से मिल जाती है। दूसरी चिनाव की प्रमुख नदी चंद्रा नदी है। जो भी ताण्डी में भागा नदी से मिल जाती है। तथा जंहा से चिनाव नदी बनती है। मियार खड्ड, तवी नदी, सेंचू नाला इस की सहायक नदी है।

चम्बा के लोकप्रिय और प्रसिद्ध झीले और झरने


चम्बा में बहुत से लोकप्रिय और प्रसिद्ध झरने और जिले है, जिन में कई बहुत धार्मिक तथा कई बेहद रोमांचित और कृत्रिम है। यह झीले बहुत ही लोकप्रिय और रोमांचित माने जाते है। जो चम्बा की प्राकृतिक सुंदरता को और भी ज्यादा बड़ा देते है।


01 मणिमहेश झील


मणिमहेश झील चम्बा की एक धार्मिक झील है, जिसकी ऊंचाई समुन्द्तल से लगभग 4,080 या कही आप को इस की ऊंचाई 3,950 मीटर भी देखने को मिलती है। यह झील भरमौर में कैलाश पर्वत के पास स्तिथ है। यह झील पीर पंजाल पर्वत श्रेणी में स्तिथ है।    

02 खजीयार झील


खजियार झील को हिमाचल प्रदेश का मिनी स्विजरलैंड भी कहा जाता है, इस झील की ऊंचाई समुन्द्तल से लगभग 1,951 मीटर तथा कहि आप को इस की ऊंचाई 2000 मीटर भी देखने को मिल जायेगी। इस झील और इस खजियार को हिमाचल का गुलमार्ग भी कहा जाता है। इस स्थान को Mr, Willy T, Blazer द्वारा 07 जुलाई 1962 को 16 वां मिनी स्विजरलैंड का दर्जा दिया गया। इस झील की लम्बाई 0,5 किलोमीटर की है।

03 घड़ासरु झील


घड़ासरु झील की ऊंचाई समुंद्रतल से लगभग 3,505 तथा कहि आप को इस की ऊंचाई 3,470 भी देखने को मिल सकती है। यह झील 01 किलोमीटर लम्बी है। यह झील चुराह घाटी में स्तिथ एक प्राकृतिक झील है।

04 महाकाली झील


यह झील चम्बा जिला की एक धार्मिक झील है, जो देवी काली जी को समर्पित है। इस झील की ऊंचाई समुंद्रतल से लगभग 3,657 मीटर की है। यह झील चम्बा के चुराह तहसील के खुंडी में चांजु में स्तिथ है।


05 लामा झील


लामा झील यह चम्बा की सबसे लोकप्रिय रो रोमांचित झीले मानी जाती है। यह झील साथ सात झीलों के समूह से बनती है। इस झील की ऊंचाई समुन्द्तल से 3,962 मीटर है।   

06चमेरा झील


चमेरा झील हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा में स्तिथ एक कृत्रिम झील है। इस झील की ऊंचाई   226 मीटर है। यह झील रावी नदी के ऊपर बनाई गयी है।

चम्बा घाटी को दूध और शहद की घाटी कहा जाता है।

मुक्त-सर-तारिक-ए-रियासत चम्बा पुस्तक के लेखक गरीब खान है।

एंटीक्स आफ चम्बा स्टेट पुस्तक के लेखक बी सी छावड़ा है।

चम्बा के प्रसिद्ध पर्वत चोटीया

नरसिंहटीबा चोटी- चम्बा की प्रसिद्ध पर्वत चोटी है, जिसकी ऊंचाई समुंद्रतल से 3,730 मीटर है।

चम्बा के वन्य जिव अभ्यारण्य

कालाटोप वन्यजीव अभ्यारण्य

कालाटोप वन्यजीव अभ्यारण्य की स्थापना 01 जुलाई 1949 को हुई थी, यह अभ्यारण्य 69 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

गांगुल वन्यजीव अभ्यारण्य

गांगुल वन्यजीव अभ्यारण्य की स्थापना 1949 को हुई थी। यह गांगुल वन्यजीव अभ्यारण्य 109 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।

कुगति वन्यजीव अभ्यारण्य

कुगति वन्यजीव अभ्यारण्य की स्थापना 1962 को हुई थी.
  

हिमाचल का सबसे लोकप्रिय और ऐतिहासिक जिला चम्बा का भूगोल, और कुछ महत्वपूर्ण जानकारी




 

   


                          

















 

 

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