This is the most popular and amazing Gaddi community in Himachal, why it is said that Gaddi Pal is known as the king of the hills-हिमाचल में बस्ता हैं यह सबसे लोकप्रिय,अद्भुत विचित्र गद्दी समुदाय, क्यों कहा जाता है गद्दी पाल को पहाड़ो का राजा जानिए मेरे साथ

गद्दी समुदाय पहाड़ो में बसा एक अद्भुत और बेहद लोकप्रिय समुदाय जो अपनी संस्कृति अपना पहनावा और अपने रहन सहन के लिए देश विदेश में जाना जाता है। भारत ही नहीं नहीं बल्कि विदेश के कई लोकप्रिय विद्वानों ने भी गद्दी समुदाय के ऊपर बहुत से डोकॉमेंट्री बनाई है। आज जो लोग पहाड़ो की यात्रा को ट्रेक करना समझते है। और जिसे साहसिक कार्य या खेल कहा जाता है। उसे इस जनजाति के लोग बचपन से ही करते आ रहे है।



इन्हे पहाड़ो का राजा भी कहा जाता है। इन्हे पहाड़ो की यात्रा के लिए किसी भी प्रकार के ट्रेकिंग सुविधाओं की जरूरत नहीं पड़ती। ना ही किसी भी प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है। यदि आप को पहाड़ो की यात्रा करना पसंद है। और आप हिमाचल की कला और संस्कृति को करीब से जानना चाहते है।

शिव भगवान के सबसे करीब लोग-People closest to Lord Shiva


तो में आज आप को हिमाचल प्रदेश के सबसे लोकप्रिय और अद्भुत समुदाय के बारे में बताउगा। जिन को शिव के प्रथम भक्त या श्रदालु कहा जाता है। इतना ही ही इस समुदाय के लोगो को भगवान शिब का परम् भक्त भी माना जाता है। जो शिव भगवान् के सबसे करीबी माने जाते। गद्दी लोग इस समुदाय के लोग अपने प्राकृतिक सौंदर्य, सुखद वातावरण, अपनी अद्भुत संस्कृति के लिए देश-विदेश में जाने जाते है।

चम्बा और काँगड़ा में निवास करते है इस समुदाय के लोग-People of this community reside in Chamba and Kangra


यह जनजाति हिमाचल प्रदेश के जिला चम्बा और काँगड़ा में पाई जाती है। आप यहां बर्फ से ढके धौलाधार,पीर पंजाल तथा शिलालिक के ऊँचे-ऊँचे पहाड़ो ले मनोरम दृश्यो को देख सकते हो। यहां गुमने आये पर्टयकों को यह स्थान बेहद रोमांचित करता है। चम्बा और काँगड़ा में कल-कल करती बहती नदियाँ, खूबसूरत झरने और बहुत से अद्भुत और प्रसिद्ध पर्टयक स्थान है। यदि आप खूबसूरत वादियों के बात करो तो हिमाचल प्रदेश का नाम सबसे पहले आता है, हर साल यहां लाखो के मात्रा में सैलानी गुमने और खूबूसरत वादियों में अपना समय व्यतीत करने के लिए आते है।


"नुआला" गद्दियों का सबसे लोकप्रिय और धार्मिक त्योहार-The most popular and religious festival of the "Nuala" gaddis



हिमाचल प्रदेश पर्टयन स्थानों के साथ-साथ धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता है। जिस का अहम कारण यहां बसे निवासियों की अटूट श्रद्धा और भगवान के प्रति विश्वास है, इसी लिए हिमाचल प्रदेश को देव भूमि के नाम से भी जाना जाता है। गद्दी समुदाय के लोग भी भगवान् के प्रति बेहद आस्था रखते है। तथा बहुत से प्रकार के त्योहारों को मनाते है। जिन में से से कई धार्मिक तो कई अन्य होते है। नुआला, जातर , कुल देवी की पूजा अर्चना प्रसिद्ध माने जाते है।

गद्दी समुदाय की ऐतिहासिक जानकारी-Historical information of the Gaddi community


हिमाचल प्रदेश एक बेहद ऐतिहासिक और लोकप्रिय राज्य है, हिमाचल में बहुत से राजा महाराजो ने शाशन  किया है, विभिन्न धर्मो के राजाओ ने हिमाचल प्रदेश में राज किया है। तथा अपने-अपने राज्य के क्षेत्र को भगौलिक रूप से बांटा था। हिमाचल में बहुत से ऐसे स्थान है, जो बेहद रोमांचित और लोकप्रिय माने जाते है। इन्ही में से एक है चम्बा जिला और काँगड़ा जिला। जिस में यह अनोखा समुदाय निवास करता है।


प्राचीन और हिमाचल के मूल निवासियों में से एक है यह समुदाय-This community is one of the ancient and original inhabitants of Himachal.


इतिहास की बा करे तो गद्दियों समुदाय को मुस्लिम आक्रमर्णों के कारण पहाड़ों की ओर भाग कर आने वाले खत्री जाति के लोग मानते हैं। पंरतु कहि ना कहि यह बात असत्य सी लगती है। गद्दी जनजाति एक बहुत ही ऐतिहासिक और लोकप्रिय जनजाति है। वास्तविक गद्दी जनजाति के लोग अति प्राचीन और हिमाचल के मूल निवासियों में से एक माने जाते हैं। इस जनजाति का जन्म हिमाचल के ही पहाड़ो में हुआ था।

अपनी कला और संस्कृति के लिए देश भर में लोकप्रिय है यह समुदाय-This community is popular all over the country for its art and culture.


हिमचाल में बहुत से अद्भुत लोकप्रिय और विश्व प्रसिद्ध समुदाय निवास करते है, जो अपनी कला और संस्कृति के लिए देश भर में जाने जाते है। हिमाचल में आप को बहुत से समुदाय की कला, सांस्कृति, त्यौहार, मेले, रहन-सहन, भाषा, पकवान, भाषा और भी बहुत से अन्य प्रसिद्ध चीजों को देख सकते हो जो अपने आप में ही एक अद्भुत और विश्व प्रसिद्ध है। हिमाचल में हर जिले में भिन्न भिन्न प्रकार के समुदाय के लोग रहते है।



आज जिस समुदाय के बारे मे में आप को बताने जा रहा हूँ जो भारत में ही नहीं पुरे विश्व भर में अपने एक अलग पहचान बना चूका है, तथा अपनी संस्कृति को देश विदेश में निहार चूका है। इस लोकप्रिय समुदाय का नाम है (गद्दी समुदाय) गद्दी जनजाति के लोग ज्यादा तर आप को हिमाचल के काँगड़ा और चम्बा जिले में मिलेंगे।

गद्दियों का मुख्य व्यवसाय-Main business of Gaddi


हिमाचल की यह गद्दी जनजाति चंबा के भरमौर क्षेत्र के निवासी माने जाते है। परन्तु बहुत से गद्दी समुदाय के सर्दियों में निचले क्षेत्रो में आ जाते थे। तथा गर्मियों में बापस पहाड़ो का रुख करते है। ऐसे ही बहुत से गद्दी समुदाय के लोग चम्बा और काँगड़ा आ कर बस गए है। यह लोकप्रिय जनजाति धौलाधार की पहाड़ियों के किनारे बसती हैं। इस बात की जानकारी गद्दियों के पौराणिक और पंरपरागत विशेष पहनावे से प्रमाणित हो जाती है। इस समुदाय के लोग हिमाचल में अति प्राचीन माने जाते हैं।


खानाबदोश तथा (घुमंतू) नाम से लोकप्रिय-Popular as nomadic and (nomadic)


गद्दी लोगो का मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियां पालने का होता है। इस समुदाय के लोग ज्यादा तर पहाड़ो में ही रहते है। जो अपनी भेड़ बकरियों के साथ एक स्थान से दूसरे स्थान गुमंते रहते है इस लिए इस समुदाय के लोगो को खानाबदोश (घुमंतू) नाम से भी जाना जाता है। स्थानीय भाषा में इस समुदाय के लोगो को पाल भी कहा जाता है।

पहाड़ो की यात्रा करने में महारथी- Expertienced in Mountains 


यह अपना अधिकतर समय प्राकर्तिक सौंदर्य और खूबसूरत पहाड़ो के बिच बिताते है। इस समुदाय के लोगो को  (घुमंतू) इस लिए कहा जाता है क्युकी इस जाती का मुख्य व्यवसाय भेड़ बकरियां पालने और उन से प्राप्त ऊन से बने वस्त्रो का व्यापार करना होता है। जिस के लिए वो एक स्थान से दूसरे स्थान घूमते रहते है। गद्दी जनजाति के लोग गर्मियों के समय में अपनी भेड़-बकरियों के साथ पहाड़ों पर ही रहते है। साल में केवल एक या दो महीने अपने घर में बिताते है। सर्दियों के समय में यह गद्दी समुदाय के लोग मैदानी इलाकों में इधर-उधर घूमते रहते हैं।


केवल दो से तीन महीने रहते है घर गद्दी पाल-Only two to three months stay home


यदि इतिहास की बात की जाए तो कुछ लोगों का मानना है कि इस जाती का कोई स्थाई ठिकाना नहीं था। मगर  यह कथन प्राप्त जानकारी के अनुसार कहि ना कहि असत्य प्रतीत होता है। इस जाति के लोग पहाड़ो में निवास करते है, और सर्दियों के दौरान अधिक बर्फबारी होने की बजह से निचले क्षेत्र में आते थे। तथा इस समुदाय का मुखिया और उसके आगे के वंशज ही पहाड़ो में अपनी बकरियों को चराने के लिए लेकर जाते थे। तथा महिलाये घर पर भेड़ बकरियों से प्राप्त उन से कपडे बनाने का कार्य करती है। इस समुदाय द्वारा बनाये गए कपडे देश भर में लोकप्रिय माने जाते है। जो अपनी शुद्धता के लिए जाने जाते है।

ऐतिहासिक, लोकप्रिय और अद्भुत परम्परा-Historical, Popular and Wonderful Tradition


हिमाचल प्रदेश के यह गद्दी समुदाय अपने आप में एक बहुत ही अलग और अद्भुत समुदाय है, इस समुदाय के लोग अपने व्यवसाय और अपने कार्य को लेकर बेहद व्यस्त रहते है, तथा अपनी परम्परा को संजोय हुए है। गद्दी समुदाय के लोग अपनी परम्परागत गतिविधियों को लेकर बहुत प्रसन्न रहते है, तथा अपने कार्य को पुरे मन से करते है। यदि आप को बोला जाए की आप को एक या दो महीने के लिए पहाड़ो में बिना किसी महत्वपूर्ण साधन के रहना है तो शायद आप के लिए यह बेहद कठिन होगा। शायद ना के बराबर हो होगा।


पहाड़ो में हर मुश्किल परिस्तिथि से निपटने में माहिर-Expert in dealing with every difficult situation in the mountains


आप इस कथन को लेकर  इस बात पे विचार जरूर करेंगे। परन्तु इस जनजाति के लोग कही महीनो घर से दूर ऊँचे-ऊँचे पहाड़ो, घने जंगलो  में अपने मवेशियों के साथ घूमते रहते है, बिना किसी साधन के यह गद्दी पहाड़ो में कई महीने गुजार देते है। बारिश हो या तूफ़ान बर्फबारी हो या भूस्खलन यह हर चुनौतियों से लड़ने की हिम्मत रखते है। तथा हर मुश्किल परिस्तिथि से निपटना जानते है।

बचपन से ही ट्रेकिंग करते आ रहे है गद्दी पाल-Gaddi Pal has been trekking since childhood


आज पहाड़ो की यात्रा के लिए देश विदेश से पर्टयक आते है। जिस के लिए उनको बहुत सी राशि खर्च करनी पड़ती है। परन्तु गद्दी समुदाय के लोग कई सालो से पहाड़ो में ट्रेकिंग कर रहे है। जो लोग पहाड़ो में ट्रेकिंग करने के लिए आते है, जिसका अधिकतम समय 10 से 15 दिनों का मान लो, और जिस में लोगो को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जब की उन के साथ पूरी टीम होती है, जो पहाड़ो की यात्रा के लिए कुशल और अनुभवी होते है। मगर इस जनजाति के लोग तो बचपन से ही ट्रेकिंग करते आ रहे है।


हजारो किलोमीटर पैदल चलने में माहिर-Specializes in walking thousands of kilometers


यह अकेले ही कई महीने पहाड़ो की यात्रा करते रहते है। कभी लाहौल से भरमौर तो कभी मनाली से स्पीति। यह सिलसिला काफी सालो से चला आ रहा है। यदि आप हिमाचल प्रदेश की यात्रा करते है ,तो आप इस जनजाति के साथ अपना कुछ समय जरूर व्यतीत करे। इन के साथ समय व्यतीत कर के आप को पहाड़ो के बारे में बहुत कुछ जानने को मिलेगा। जो शायद आप को कोई भी ना बता पाए।

पर्वतारोही इन गद्दियों द्वारा बनाये गए रास्ते के सहारे ही दर्रे या पास को पार करते है-Climbers cross the pass or pass with the help of these gaddi.


पर्वतारोही इन गद्दियों द्वारा बनाये गए रास्ते के सहारे ही दर्रे या पास को पार करते है।  इस जनजाति के लोग अपनी आजीविका के लिए भेड़, बकरी, खच्चरों और घोड़ों का भी इस्तेमाल करते है। हिमाचल प्रदेश के इस लोकप्रिय गद्दी समुदाय के लोग अपनी भेड़ बकरियों की सुरक्षा के लिए पहाड़ी कुत्ते पालते हैं, जिन्हे गद्दी कुत्ता कहां जाता है, यह बेहद खूंखार होते है, जो भेड़-बकरियों की भालू या अन्य जानवरो से सुरक्षित रखते है। यह इतने शक्तिशाली होते है, की यह कुत्ते तेंदुओं तक से भिड़ जाते हैं। और उन्हें भाग खदेड़ते है। वैसे तो यह बहुत ही सरल स्वभाव के होते है, परन्तु संकट आने पर यह बहुत ही खूंखार बन जाते है। तथा अपने मालिक को इन पहाड़ो में सुरक्षित रखते है।


गद्दी जनजाति के लोकप्रिय त्यौहार-Popular festivals of Gaddi tribe


गद्दी जनजाति के लोग लोहड़ी के त्यौहार को बहुत ही धूम-धाम से मनाते है। लोहड़ी के दिन इस जनजाति के लोग चावल में साबुत उड़द की दाल को मिलाकर खिचड़ी बनाते हैं, जो बेहद स्वादिष्ट होती है। जिसे देसी घी के साथ परोसा जाता है, गद्दीयो का एक प्रसिद्ध और बेहद पवित्र त्यौहार शिवरात्रि भी है, जिसे बहुत धूम धाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार फागुन में मनाया जाता है, यह फरवरी महीने और मार्च के महीने के बीच में होता है। गद्दी जनजाति के बहुत से लोग इस दिन उपवास रखते हैं।

मिंजर का मेला और भरमौर यात्रा और सुई-Minjar's Fair and Bharmour Travel and Needles


गद्दी समुदाय के लोग भगवान शिव के परम् भगत होते है। इस लिए शिवरात्रि का उन्हें हर साल इंतजार रहता है। इन उत्सवों के साथ गद्दी जनजाति के लोग होली और जन्माष्टमी भी बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। गद्दियों का विशेष मेला मिंजर भरमौर यात्रा और सुई है। जो राष्ट्रीय स्तरिय मेला है।


बेहद शांत और सरल जीवन व्यतीत करते है गद्दी समुदाय के लोग-People of Gaddi community live very quiet and simple life


इस गद्दी जनजाति के लोग बहुत ही शांत सवभाव के होते है, जो पहाड़ो की हसीन वादियों में अपना सरल जीवन व्यतीत करते है, मगर समय के साथ-साथ इस जनजाति के लोग आगे उभर रहे है। तथा गावो से आकर शहर में बस रहे है। आज इस जनजाति के लोगो ने बहुत उन्नति और अपनी कड़ी मेहनत और परिश्रम से काफी अछि-अछि जगहों में पहुंचे हुए है। इस गद्दी जनजाति के लोग हर सिविल प्रतियोगिता में भी सफल हो रहे है, इसी के साथ डाक्टर, इंजिनीयर, साथ भारतीय सेना चाहे वो थल, जल, या वायु सेना ही क्यों ना हो हर जगह इस समुदाय के लोग अपनी देवाये दे रहे है। हिमाचल प्रदेश में स्तिथ यह जनजाति एक लोकप्रिय और प्रमुख जनजाति मानी जाती है।

पौराणकि मान्यता के अनुसार-According to mythology


इस गद्दी जनजाति के लोग भगवान शिव को बहुत मानते है तथा सुबह शाम पूजा करते है , पौराणकि मान्यता के अनुसार गद्दी समुदाय के लोगो को भगवान शिव के सबसे नजदीक माना जाता है, इस लोकप्रिय गद्दी जनजाति के लोगो का सबसे लोकप्रिय धार्मिक त्यौहार शिव भगवान का (नुआला) होता है। जो बेहद आकर्षित तथा खूबसूरत त्यौहार होता है। जिस में पूरी रात भगवान शिव के भगत शिव की पूजा अर्चना करते है, और पूरी रात शिव के भजन गाये जाते है। यह नुआला गद्दियों का सबसे लोकप्रिय, पवित्र और धार्मिक त्यौहार माना जाता है।


गद्दी समुदाय की शादी-Gaddi community wedding


इस गद्दी समुदाय के लोगो की शादी भी बहुत खूबसूरत और परम्परागत तरीके से होती है। मान्यता है की भगवान् शिव की भी शादी पार्वती जी के साथ इसी रीती रिवाज के साथ संम्पन हुई थी, इसी लिए इस समुदाय के लोग भी अपनी शादी एक अनोखे और खूबसूरत तरीके से करते है। गद्दी समुदाय के लोग अपने हर शुभ काम में पहले शिव की पूजा अर्चना करते है। गद्दी समुदाय में शादी के दौरान दूल्हा और दुल्हन की पोशाक बहुत ही आकर्षित होती है, जो बहुत ही आकर्षित होती है। दूल्हे की पोशाक को चोला और दुल्हन की पोशाक को नुआचडी कहते है। जो एक हैंडमेड पोशाक होती है। जिसे बनाने में काफी समय लगता है।


गद्दी समुदाय के लोकप्रिय पकवान-Popular dish of Gaddi community


इस गद्दी समुदाय के लोग अपने घर में विशेष त्योहारों में ख़ास तरह के पकवान बनाते है, जो बेहद स्वादिष्ट होते है। त्योहारों में बब्रु, मिठ्ड़ू, मट्टी, इत्यादि बहुत से स्वादिष्ट पकवान बनाये जाते है, इस समुदाय के लोग त्योहारों में घर में देसी मदिरा बनाते है, जिसे झोल,लुगड़ी, थरड़ा कहते है। जो बहुत ही लोकप्रिय माना जाता है। इस गद्दी समुदाय की भाषा को गद्दियाली भाषा कहा जाता है, जो अपने आप में एक अद्भुत और सुरीली भाषा है। गद्दियाली  एक बहुत ही सरल और अनोखी भाषा मानी जाती है।

यदि आप को पहाड़ो की यात्रा करना और पहाड़ो के बारे में जानकारी प्राप्त करना पसंद है, तो आप इस जनजाति के साथ कुछ समय पहाड़ो में गुजारे, आप को बहुत कुछ पहाड़ो के बारे में सीखने को मिलेगा। जो शायद और कोई आप को ना सीखा पाए।  


  

This is the most popular and amazing Gaddi community in Himachal pradesh



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